नवरात्रि आरती Lyric: नवरात्र में करें माता दुर्गा की ये आरती, हर इच्छा होगी पूरी! जानें, व्रत के दौरान क्या खा सकते हैं और किन चीज़ों से बचें
नवरात्रि का पर्व भारत के सबसे पवित्र और महत्त्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। देवी दुर्गा की आराधना का यह नौ दिवसीय उत्सव भक्ति, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इस दौरान माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है, और भक्त अपनी हर मनोकामना पूरी करने के लिए मां की आराधना करते हैं। नवरात्रि के दौरान माता की आरती और व्रत का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि जो भी भक्त पूरे नियम और श्रद्धा से देवी दुर्गा की आरती करता है, उसकी हर इच्छा माता जरूर पूरी करती हैं। साथ ही, व्रत का पालन करने से शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है, लेकिन व्रत के दौरान सही भोजन करना भी उतना ही ज़रूरी है।
अगर आप भी नवरात्रि में व्रत रख रहे हैं या माता की आराधना करने जा रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए है। हम आपको बताएंगे माता दुर्गा की पवित्र आरती और साथ ही व्रत के दौरान क्या खा सकते हैं और किन चीज़ों से आपको बचना चाहिए।
नवरात्रि के दौरान आरती का महत्व
नवरात्रि की आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह देवी दुर्गा के प्रति हमारी भक्ति और श्रद्धा की अभिव्यक्ति है। हर दिन सुबह और शाम को आरती करने से माता प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। जो लोग अपने घर में या मंदिर में देवी दुर्गा की आराधना करते हैं, उनके लिए आरती का पाठ नवरात्रि के नौ दिनों का अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए।
यहां मां दुर्गा की लोकप्रिय आरती दी जा रही है, जिसे आप नवरात्रि के नौ दिनों तक गा सकते हैं:
मां दुर्गा की आरती (Durga Ji ki Aarti)
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली। तेरे ही गुण गाते हैं, हम तो सदा सुख पाते हैं। अम्बे तू है जगदम्बे काली…
मैया जी तू है बड़ी भवानी, तू है सबकी महारानी। सब जग तुझसे डेरा, जगदम्बे माता तेरा। अम्बे तू है जगदम्बे काली…
तू ही है विधाता जग की, तू ही है पालनहारी। नन्हें बालक की मैया, तुझसे महिमा न्यारी। अम्बे तू है जगदम्बे काली…
माता दुर्गा की आरती करने के बाद, उनके चरणों में अपनी श्रद्धा समर्पित करें और मनोकामना का निवेदन करें। माता के प्रति पूरी निष्ठा और श्रद्धा से की गई आराधना जीवन की हर बाधा को दूर कर सकती है और सुख-समृद्धि ला सकती है।
नवरात्रि व्रत का महत्व और व्रत में क्या खा सकते हैं?
नवरात्रि में व्रत रखने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह शरीर और आत्मा को शुद्ध करने का एक तरीका है। व्रत के दौरान कुछ खास खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है, ताकि शरीर को ऊर्जा मिलती रहे और साथ ही धार्मिक नियमों का पालन भी हो सके। लेकिन सवाल यह है कि नवरात्रि के व्रत में आखिर क्या खाएं और क्या न खाएं?
व्रत के दौरान क्या खा सकते हैं?
- साबूदाना:
साबूदाना से बनी खिचड़ी, वड़ा या पापड़ व्रत में सबसे ज़्यादा खाए जाते हैं। ये हल्के होते हैं और लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं। - कुट्टू का आटा (Buckwheat Flour):
कुट्टू का आटा व्रत के दौरान सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। इससे रोटी, पूड़ी या पकौड़े बनाए जाते हैं। - सिंघाड़े का आटा (Water Chestnut Flour):
सिंघाड़े के आटे से भी रोटी, हलवा या पकौड़े बनाए जाते हैं। यह पौष्टिक होता है और लंबे समय तक भूख को शांत रखता है। - आलू:
आलू से आप कई तरह की व्रत विशेष डिश बना सकते हैं जैसे आलू की सब्जी, आलू चाट, आलू के पकौड़े आदि। - मखाने:
मखाने को घी में भूनकर या खीर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह हल्का और पौष्टिक होता है। - फल और सूखे मेवे:
ताजे फल जैसे केला, सेब, अनार, और सूखे मेवे जैसे बादाम, काजू, मखाने आदि व्रत के दौरान सेवन किए जा सकते हैं। - सामा के चावल (Barnyard Millet):
सामा के चावल या व्रत के चावल से खिचड़ी या पुलाव बनाया जा सकता है। यह भूख को शांत रखता है और स्वादिष्ट भी होता है। - दही और दूध:
व्रत के दौरान दही, दूध और उससे बने पनीर का सेवन किया जा सकता है। यह शरीर को प्रोटीन और कैल्शियम प्रदान करता है। - शकरकंद:
शकरकंद उबालकर या भूनकर खाया जा सकता है। यह व्रत के लिए एक पौष्टिक और ऊर्जा से भरपूर विकल्प है। - सेंधा नमक (Rock Salt):
सामान्य नमक की जगह व्रत में सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है। यह शरीर को आवश्यक मिनरल्स प्रदान करता है।
व्रत के दौरान क्या नहीं खा सकते हैं?
- अनाज:
गेहूं, चावल, मक्का, और बेसन जैसे अनाज व्रत में वर्जित होते हैं। - प्याज और लहसुन:
व्रत के दौरान प्याज और लहसुन का सेवन नहीं किया जाता, क्योंकि इसे तामसिक आहार माना जाता है। - मांसाहार और शराब:
मांसाहार, मछली, अंडा और शराब का सेवन व्रत के दौरान पूरी तरह से वर्जित होता है। - नमक:
सामान्य नमक की जगह सेंधा नमक का ही प्रयोग किया जाना चाहिए।
नवरात्रि व्रत के फायदे
नवरात्रि व्रत रखने से न केवल धार्मिक लाभ होते हैं, बल्कि इससे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। व्रत रखने से शरीर को डिटॉक्स करने का मौका मिलता है, पाचन तंत्र को आराम मिलता है, और मन शांत होता है। साथ ही, यह आत्म-नियंत्रण और संयम सिखाने का भी एक तरीका है।
तो इस नवरात्रि में सही नियमों के साथ व्रत रखें, माता की आरती करें और उनकी कृपा से अपने जीवन की हर कठिनाई को दूर करें। माता दुर्गा की आराधना और व्रत का पालन आपके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाएगा।