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Baba Siddique Murder: महाराष्ट्र की राजनीति से बॉलीवुड तक छाया था बाबा सिद्दीकी का जलवा, सलमान-शाहरुख की दुश्मनी को करवाया था खत्म!

मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में शनिवार की रात सनसनीखेज घटना हुई, जब एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। इलाके में एकाएक गूँजती गोलियों की आवाज ने पूरे बांद्रा को हिला कर रख दिया। यह दर्दनाक वारदात उस वक्त हुई जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस में थे। हमलावरों ने उन पर दो से तीन राउंड गोलियां चलाईं, जिसमें सिद्दीकी के सीने और पेट में गोलियां लगीं। उन्हें गंभीर हालत में फौरन लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

इस खौफनाक घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन इस वारदात के पीछे के असली कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

बाबा सिद्दीकी मुंबई के एक जाने-माने और प्रभावशाली नेता थे, जिनकी राजनीति में गहरी पैठ थी। उनकी लोकप्रियता सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह अपनी मशहूर इफ्तार पार्टियों के लिए भी चर्चित थे। उनकी पार्टियों में बॉलीवुड के बड़े सितारे, जैसे सलमान खान और शाहरुख खान, शिरकत करते थे। इस साल की शुरुआत में ही बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी के अजित पवार गुट का दामन थामा था।

अचानक हुए हमले ने बदली तस्वीर

शनिवार रात का माहौल सामान्य था, जब अचानक पटाखों जैसी आवाजें सुनाई दीं, लेकिन कुछ ही पलों में यह साफ हो गया कि यह पटाखों की नहीं बल्कि गोलियों की आवाज थी। अज्ञात हमलावरों ने बिना किसी चेतावनी के बाबा सिद्दीकी पर हमला कर दिया। इस क्रूर हमले में उनके सीने और पेट में गोलियां लगीं। उन्हें बचाने की कोशिशें की गईं, लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

बाबा सिद्दीकी: राजनीति का चमकता सितारा

बाबा सिद्दीकी सिर्फ बांद्रा के ही नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ी हस्ती माने जाते थे। वह पिछले 48 सालों से राजनीति में सक्रिय थे और तीन बार बांद्रा पश्चिम से विधायक भी चुने गए थे। राजनीति में उनकी शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में हुई थी और बीएमसी में कॉरपोरेटर चुने जाने के बाद उन्होंने राजनीति में लंबा सफर तय किया। महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री और महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष के पद पर भी वह काबिज रह चुके थे।

पार्टी छोड़ने के बाद नया राजनीतिक सफर

बाबा सिद्दीकी ने इसी साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजित पवार गुट) का दामन थामा था। यह कदम उनके राजनीतिक सफर का एक बड़ा मोड़ था, क्योंकि इससे पहले वह कांग्रेस में लंबे समय तक, यानी करीब 48 साल तक, सक्रिय रहे थे। उनके कांग्रेस से एनसीपी में शामिल होने का फैसला भी चर्चा में रहा था।

हत्या से उठे कई सवाल

बाबा सिद्दीकी की हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह राजनीतिक दुश्मनी का नतीजा है या फिर इसके पीछे कोई और बड़ी साजिश छिपी है? पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आने वाले दिनों में इस हत्याकांड से जुड़े कई और रहस्यों का खुलासा हो सकता है।

मुंबई की सियासत में इस हत्या ने भूचाल ला दिया है और सभी की निगाहें अब पुलिस की जांच पर टिकी हुई हैं।

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